नीचे एक social movie script का concept + short scene-by-scene outline दिया गया है — 2 घंटे की Roman Hindi dialogue-by-dialogue script
🎬 Title: "Do Gaj Zameen"
Genre: Social Drama / Realistic / Emotional
Theme: Land rights, poverty, system vs. common man
🎥 Logline:
एक गरीब किसान अपनी पुश्तैनी ज़मीन को बचाने की लड़ाई लड़ता है — एक ऐसी लड़ाई जो कोर्ट से लेकर पंचायत, सिस्टम से लेकर समाज तक फैल जाती है।
🧩 Characters:
Ramu Yadav: 45 वर्षीय किसान, संघर्षशील और जिद्दी
Gudiya: Ramu की 16 साल की बेटी, पढ़ाई में तेज़
Munshi: सरकारी बाबू, रिश्वतखोर
Sarpanch: गाँव का मुखिया, दोहरी चाल चलता है
Advocate Khan: ईमानदार वकील
Meera Madam: NGO worker जो Ramu की मदद करती है
🎬 Act 1: “Zameen ka Patta” (0–30 min)
रघु अपनी ज़मीन पर खेती कर रहा होता है, तभी सरकारी नोटिस आता है कि उसकी ज़मीन अब 'सरकारी भूमि' मानी जा रही है।
पंचायत में सुनवाई होती है, पर सब मिले हुए हैं।
बेटी गुड़िया पढ़ाई छोड़कर पापा की मदद करना चाहती है।
रघु दर-दर की ठोकरें खाता है, लेकिन हर जगह पैसे और पावर की दीवारें हैं।
🎬 Act 2: “Sangharsh” (30–90 min)
रघु कोर्ट जाता है, एक ईमानदार वकील (Advocate Khan) उसकी मदद करता है।
गाँव में मीरा मैडम नाम की NGO worker आती है जो मीडिया का ध्यान लाने की कोशिश करती है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होता है, "Do Gaj Zameen ke liye Raghubhai ki ladai"
प्रशासन दबाव में आता है, पर राजनीति चालें और भी तेज़ हो जाती हैं।
रघु को धमकियाँ मिलने लगती हैं, लेकिन वो झुकता नहीं।
🎬 Act 3: “Nyay aur Nai Soch” (90–120 min)
कोर्ट का फैसला आता है — रघु की ज़मीन उसे मिलती है।
गाँव में नया बदलाव — बच्चे स्कूल जाने लगे, गाँव वालों में हिम्मत आने लगती है।
गुड़िया का दाखिला कॉलेज में होता है, और रघु आखिरी सीन में अपने खेत में हल चला रहा होता है — मुस्कुराते हुए।
🎬 Closing Dialogue:
"Zameen chhoti thi... par usmein meri izzat thi, meri beti ka sapna tha... aur insaaf bhi."
— Ramu Yadav
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